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पुण्यतिथि: करोड़ों की मालकिन का कंगाली में बीता आखिरी वक्त, बेटे ने नहीं ली सुध, 3 महिने हॉस्पिटल में दर्द में गुजारे फिर हुई मौत

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2 घंटे पहले

ए मेरी जोहर जबी गाना तो आपने सुना ही होगा। उस गाने में जो जोहरजबी थीं वो थीं अचला सचदेव। बॉलीवुड की दादी के रूप में अपनी पहचान बनाने वाली अचला सचदेव का निधन आज ही के दिन 30 अप्रैल 2012 को पुणे के एक अस्पताल में हुआ था। उन्होंने अपने करियर में कई फिल्मों में दादी का किरदार निभाया है और वो फिल्में सुपरहिट रहीं हैं। लेकिन इतना फैमस होने के बाद भी अचला की मौत काफी दर्दनाक थी। उनके आखिरी समय में कोई उनके साथ नहीं था और सही देखरेख न होने के चलते पुणे के अस्पताल में उनका निधन हो गया।

ऑल इंडिया रेडियो में किया काम

अचला का जन्म 3 मई 1920 को मौजूदा समय के पाकिस्तान में हुआ था। शुरुआत में अचला ने लाहौर में ऑल इंडिया रेडियो में काम किया जिसके बाद उनका ट्रांसफर दिल्ली में हो गया था। इसी बीच अचला की शादी पुणे में क्लिफोर्ड डगलस पिटर्स से हो गई। पिटर्स की मोरीस इलेक्ट्रोनिक्स नाम से एक फैक्ट्री थी।

फेशनेबल वाइफ से शुरू हुआ फिल्मी करियर

अचला सचदेव पुणे में रहने के दौरान फिल्मों में तब एक्टिव हुईं जब उनकी पहली फिल्म फैशनेबल वाइफ पर्दे पर रिलीज हुई। इस फिल्म के बाद अचला ने कई फिल्मों में काम किया लेकिन उन्हें पहचान मिली 1965 में आई फिल्म वक्त से। इस फिल्म में अचला ने बलराज साहनी की पत्नी का रोल निभाया था। इस फिल्म का गाना ‘ए मेरी जोहर जबी’ बड़ा हिट साबित हुआ था जो आज भी लोगों की जुबां पर सर चढ़कर बोलता है।

यशराज के साथ पहली फिल्म थी दाग

अचला ने अपने करियर में कुल 130 फिल्मों में काम किया है और यशराज प्रोडक्शन की कई हिट फिल्मों में अचला ने दादी का किरदार निभाया है। यशराज के साथ उनकी पहली फिल्म दाग : अ पोयम ऑफ लव थी, जिसके बाद 1989 में आई चांदनी, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे भी बड़ी हिट साबित हुईं। उन्होंने प्रेम पुजारी, मेरा नाम जोकर, हरे रामा-रहे कृष्णा, अंदाज थीं।

इंग्लिश फिल्मों में भी किया काम

अचला ने अपने करियर में कुछ इंग्लिश फिल्मों में भी काम किया है। 1965 में आई उनकी फिल्म नाइन हवर्स टू रामा और 1963 में आई मर्चेन्ट आईवेरी द हाउसहोल्डर्स काफी हिट साबित हुईं थीं। वहीं 2003 में आई फिल्म कल हो न हो अचला की आखिरी फिल्म थी।

पति की मौत के बाद अकेली हो गई थीं अचला

2002 में अचला के पति क्लिफर्ड डगलस पीटर्स की डेथ हो गई। इसके बाद 12 साल तक वे पुणे में पूना क्लब के पास कोणार्क एस्टेट अपार्टमेंट के दो बेडरूम फ्लैट में अकेली ही रहती रहीं। इस दौरान सिर्फ रात में एक अटेंडेंट वहां रहकर उनकी देखभाल करता था।

जनसेवा फाउंडेशन को दान दिया फ्लैट पर आखिरी समय कोई नहीं था साथ

अचला ने पूरी जिंदगी ऐश से गुजारी लेकिन उनके पति के जाने के बाद उनके साथ कोई नहीं था। उनका बेटा यूएस में था। अचला ने 2007 में जन सेवा फाउंडेशन को अपना फ्लैट इस शर्त पर दान में दे दिया कि उनके आखिरी समय तक फाउंडेशन उनकी सेवा करेगा पर ऐसा हुआ नहीं। 8 सितंबर 2011 की बात है, जब अचला किचन में पानी लेने गई थीं। इस दौरान वे गिर गईं और उनकी जांघ की हड्डी टूट गई।

उन्हें पूना हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में एडमिट कराया गया। लेकिन जल्दी ही डिस्चार्ज भी कर दिया गया। इसके बाद अचला के ब्रेन में खून के थक्के जमने की बात सामने आई, क्वाड्रिप्लेजिया (एक तरह का लकवा) के सिंप्टम्स थे। 21 अक्टूबर 2011 को अचला को फिर से ट्रीटमेंट के लिए पूना हॉस्पिटल में एडमिट कराना पड़ा। काफी समय तक अस्पताल में एडमिट रहने के बाद 91 साल की उम्र म अचला ने 30 अप्रैल 2012 को दम तोड़ दिया। था। उनकी मौत के बाद एक्ट्रेस नंदा ने बताया था कि मौत के पहले उनका बेटा कभी-कभी हॉस्पिटल में उन्हें देखने आता था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अचला ने जिंदगी का अंतिम दौर बेहद तंगहाली में कटा था।

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