Uncategorized

संकट में रिलायंस-फ्यूचर डील: फ्यूचर रिटेल के 69% लेंडर्स ने डील के खिलाफ वोट किया, अब फ्यूचर ग्रुप का दिवालिया होना लगभग तय

[ad_1]

  • Hindi News
  • Business
  • Future Retail’s 69% Lenders Vote Against The Deal, Now The Bankruptcy Of Future Group Is Almost Certain

नई दिल्ली10 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) के लेंडर्स ने रिलायंस रिटेल के साथ 24,713 करोड़ रुपए की प्रस्तावित डील को रिजेक्ट कर दिया। रेगुलेटरी फाइलिंग में FRL ने शुक्रवार को कहा कि 69% लेंडर्स ने इस डील के खिलाफ वोट किया जबकि 30% ने ही कंपनी की संपत्ति रिलायंस को बेचने के प्लान के पक्ष में वोट किया है। शेयरधारकों और क्रेडिटर्स की मंजूरी लेने के लिए वोटिंग नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मेंडेटरी प्रोसेस है।

फ्यूचर रिटेल के लेंडर्स में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, सेंट्रल बैंक, एक्सिस बैंक और IDBI बैंक शामिल हैं। वर्तमान में, FRL पर 29 लेंडर्स के एक कंसोर्टियम का 17,000 करोड़ रुपए का कर्ज है। इस ग्रुप का ओवरऑल डेट करीब 30,000 करोड़ रुपए है। ऐसे में एक्सपर्ट्स का मानना है कि क्रेडिटर्स का रिलायंस के ट्रांजैक्शन के रोके जाने से फ्यूचर ग्रुप का दिवालिया होना तय है।

रिलायंस का 835 स्टोर्स पर कंट्रोल
फरवरी में रिलायंस ने लगातार किराया बढ़ने के कारण फ्यूचर ग्रुप के 835 स्टोर्स को कंट्रोल में ले लिया था। फ्यूचर ग्रुप के पास वर्तमान में लगभग 620 स्टोर रह गए हैं। अब लेंडर्स और अन्य क्रेडिटर्स को 17,000 करोड़ से ज्यादा की वसूली के लिए फ्यूचर ग्रुप की शेष संपत्तियों के लिए दिवाला अदालत में लड़ना होगा। कुल 620 स्टोर में बिग बाजार के 30 हाइपरमार्केट और 350 स्मॉलर फॉर्मेट आउटलेट शामिल हैं।

इस डील पर क्या है विवाद?
साल 2019 में अमेजन ने 1500 करोड़ रुपए में फ्यूचर कूपन (फ्यूचर ग्रुप की होल्डिंग कंपनी) में 49% हिस्सेदारी खरीदी थी। इस डील के तहत अमेजन को 3 से 10 साल के भीतर फ्यूचर रिटेल में हिस्सेदारी खरीदने का भी अधिकार मिला था। लेकिन 2020 में फ्यूचर ग्रुप ने अपने रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स बिजनेस को रिलायंस रिटेल को 24,713 करोड़ रुपए में बेचने की घोषणा की। इसी के बाद से ये विवाद शुरू हुआ।

अमेजन ने SIAC का रुख किया था
फ्यूचर-रिलायंस डील पर आपत्ति जताते हुए अमेजन ने सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) का रुख किया था। अमेजन ने कहा था, रिलायंस और फ्यूचर रिटेल की डील उसकी और फ्यूचर कूपन के बीच हुई डील के खिलाफ है। इसके बाद हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में ये मामला चल रहा है।

CCI ने अमेजन-फ्यूचर कूपन डील को सस्पेंड किया
बीते दिनों कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने अमेजन की फ्यूचर कूपन के साथ हुई इस डील को सस्पेंड कर दिया था। कॉम्पिटिशन कमीशन ने डील के दौरान जानकारी छिपाने पर अमेजन पर 202 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया था। CCI ने आदेश में कहा था, ‘अमेजन ने डील के अपने असली मकसद को छिपाया और एग्रीमेंट के लिए झूठे और गलत बयान दिए, इसलिए डील को नए सिरे से देखना होगा।’

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link