Uncategorized

इंसानों को शराब पसंद होने का राज: नशे में धुत्त बंदरों पर हुई रिसर्च, थकान मिटाने और ताकत बढ़ाने के लिए करते हैं अल्कोहल का सेवन

[ad_1]

  • Hindi News
  • Happylife
  • Research On Drunken Monkeys Consume Alcohol To Eliminate Fatigue And Increase Strength

8 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

पनामा में ब्लैक हैंडेड स्पाइडर मंकी नाम की बंदरों की एक प्रजाति को पाम फ्रूट बेहद पसंद है। वे इस फल के इतने दीवाने हैं कि इसे खाकर उन्हें नशा चढ़ जाता है। दरअसल, पाम फ्रूट में इथेनॉल नाम का अल्कोहल होता है, जिसके कारण इसे खाने के बाद बंदरों को नींद आती है।

नशे में धुत्त बंदरों को ध्यान में रखते हुए अमेरिका के वैज्ञानिक अब ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर इंसानों को शराब इतनी पसंद क्यों होती है। इसके लिए उन्होंने ब्लैक हैंडेड स्पाइडर मंकी पर रिसर्च शुरू कर दी है। हालांकि, बंदरों की ऐसी और भी कई प्रजातियां हैं जो अलग-अलग प्रकार के फल-फूल खाकर नशे में आ जाती हैं।

बंदरों की पेशाब पर हुई रिसर्च

बंदर अल्कोहल को अपनी थकान मिटाने और नींद पूरी करने का जरिया बना चुके हैं।

बंदर अल्कोहल को अपनी थकान मिटाने और नींद पूरी करने का जरिया बना चुके हैं।

रिसर्चर्स ने दो स्पाइडर मंकीज की पेशाब के सैंपल लिए। इनकी जांच करने पर पेशाब में इथेनॉल के पुख्ता सबूत मिले। वैज्ञानिकों का कहना है कि बंदरों के शरीर में इथेनॉल बकायदा पचकर इस्तेमाल हो रहा है। वे अल्कोहल को अपनी थकान मिटाने और नींद पूरी करने का जरिया बना चुके हैं।

बंदर अल्कोहल से अट्रैक्ट होते हैं

रिसर्च में शामिल नॉर्थरिज कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी की वैज्ञानिक क्रिस्टीना कैंपबेल कहती हैं कि जंगलों में रहने वाले बंदर नशे में धुत्त रहते हैं, यह बात सबसे पहले साल 2000 में बायोलॉजिस्ट रॉबर्ट डडले ने की थी। डडले का कहना था कि बंदर अल्कोहल के स्वाद और गंध से अट्रैक्ट होते हैं। वे नशीले फलों को पहचानकर उन्हें झट से खा जाते हैं, ताकि कोई और जानवर उन्हें न खा पाए। अब यह हाइपोथेसिस सच साबित हुआ है।

बंदर एनर्जी के लिए करते हैं इथेनॉल का सेवन

बंदर केवल नशे के लिए नहीं, बल्कि अपना पाचन दुरुस्त रखने के लिए फर्मेंटेड फल खाना पसंद करते हैं।

बंदर केवल नशे के लिए नहीं, बल्कि अपना पाचन दुरुस्त रखने के लिए फर्मेंटेड फल खाना पसंद करते हैं।

रिसर्च में जिन बंदरों को शामिल किया गया, उन्हें इथेनॉल से भरे फल खिलाने की कोशिश की गई। हालांकि, बंदरों ने इन फलों से दूरी बनाई। जब इन बंदरों को बाहर जंगल में छोड़ दिया गया तो वे खुद पाम फ्रूट ढूंढकर खाने लगे।

इस रिसर्च से पता चलता है कि बंदर केवल नशे के लिए नहीं, बल्कि अपना पाचन दुरुस्त रखने के लिए और एनर्जी लेवल बढ़ाने के लिए इथेनॉल वाले फर्मेंटेड फल खाना पसंद करते हैं।

अल्कोहल की आदत भी इवोल्यूशन का हिस्सा

वैज्ञानिकों का मानना है कि इवोल्यूशन के गुण करोड़ों सालों में बंदरों से इंसानों में ट्रांसफर हुए हैं। इसका मतलब कि चाहे बंदर हो या इंसान, शराब सबको पसंद है।

वैज्ञानिकों का मानना है कि इवोल्यूशन के गुण करोड़ों सालों में बंदरों से इंसानों में ट्रांसफर हुए हैं। इसका मतलब कि चाहे बंदर हो या इंसान, शराब सबको पसंद है।

क्रिस्टीना का मानना है कि इंसानों की सोच भी बंदरों वाली हो सकती है। शायद एनर्जी बढ़ाने और थकान मिटाने के लिए इंसान भी अल्कोहल का सेवन करना पसंद करते हैं। मध्य और दक्षिणी अमेरिका में लोकल लोग इसी पाम फ्रूट का इस्तेमाल करते हैं। इससे चीचा नाम की देशी शराब बनाई जाती है। आप जितना ज्यादा फर्मेंटेड फल खाएंगे, शरीर को उतनी ही ज्यादा ताकत मिलेगी।

वैज्ञानिकों का मानना है कि इवोल्यूशन के गुण करोड़ों सालों में बंदरों से इंसानों में ट्रांसफर हुए हैं। इसका मतलब कि चाहे बंदर हो या इंसान, शराब सबको पसंद है। इंसान, चिम्पैंजी, बोनोबोस और गोरिल्ला के जीन्स काफी हद तक समान हैं। इनमें एक जीन ऐसा है जो इथेनॉल एंजाइम को 40 गुना सुधार देता है।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link