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- IIT Guwahati Creates Hydrophobic Cotton That Absorbs Oil But Not Water, Aims To Tackle Oil Spills
17 घंटे पहले
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समुद्र में होने वाला तेल का रिसाव जीवों और इंसानों के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है। इसे कंट्रोल करने के लिए आईआईटी गुवाहाटी के वैज्ञानिकों ने रूई की एक किस्म तैयार की है] जो केवल तेल सोखती है, पानी नहीं। यह रूई जल प्रदूषण को रोकने में और पर्यावरण को सुरक्षित रखने में असरदार साबित हो सकती है।
तैयार करना आसान और रिसायकल भी हो सकेगी
वैज्ञानिकों का कहना है, रूई की इस किस्म को तैयार करना आसान है। इसे कम कीमत पर तैयार किया जा सकता है और रिसाइकिल भी कर सकते हैं। यह हल्के और गाढ़े, दोनों तरह के तेल को सोखने में असरदार है। इसकी इसी खूबी का इस्तेमाल करके ट्रांसपोर्टेशन के दौरान नदियों और समुद्र में होने वाले तेल के रिसाव को रोका जा सकेगा।
आईआईटी गुवाहाटी में केमेस्ट्री डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. श्याम पी. विश्वास कहते हैं, भारत जैसे देश में पेट्रोलियम हाइड्रोकार्बन ईधन का सबसे बड़ा सोर्स है। ईधन को लाने-ले जाने के दौरान इसका रिसाव होने की बात आम है। रूई की नई किस्म इसी रिसाव को रोकने में असरदार साबित होगी।
खास तरह के कॉटन को तैयार करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है, यह तेल रिसाव को रोकने में मदद करेगा।
समुद्री तेल रिसाव के नुकसान
- समुद्री पक्षियों पर तेल लगने से उन्हें उड़ने और तैरने में परेशानी होती है। इसके अलावा इनकी स्किन और आंखों में जलन होती है।
- पानी में चिकनाई बढ़ने से समुद्री पौधों में फूल और फल बनने की प्रक्रिया प्रभावित होती है और समुद्री जीवों के गलफड़े ठीक से काम नहीं करते।
- समुद्री प्रदूषण के अधिक होने पर वहां उपस्थित वनस्पति व जीव तेजी से मरने लगते हैं। ऐसा होने पर पानी में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है।
- महासागरों में तेल रिसाव के प्रदूषण से समुद्री इकोसिस्टम की जैव विविधता पर भी गम्भीर खतरा पैदा होता है।
- समुद्र में तेल की मात्रा बढ़ने पर मोनोआक्साइड जैसी गैसें उत्सर्जित होकर वायुमंडल मे प्रवेश कर जाती हैं, जो ग्लोबल वार्मिंग का कारण बनती हैं।
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