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काम की बात: होम लोन के लिए आवेदन करते समय लोन-टू-वैल्‍यू और प्री-पेमेंट पेनल्टी सहित इन 7 बातों का रखें ध्यान

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नई दिल्ली9 घंटे पहले

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अपना खुद का घर होना हर किसी का सपना होता है और इस सपने को पूरा करने के लिए लोन होम लोन का सहारा लेते हैं। लेकिन होम लोन लेना और इसे चुकाना एक बड़ी जिम्मेदारी होती है। होम लोन लेते समय की गई एक गलती के कारण आपको लोन लेने में परेशानी होती है। इसीलिए लोन लेने से पहले आपको कई बातों का ध्यान रखना चाहिए।

कम रकम के लिए करें अप्लाई
कम लोन-टू-वैल्‍यू (एलटीवी) रेशियो आपके लिए लोन लेना आसान कर सकता है। इसका मतलब है कि घर खरीदने के लिए आपको अपना कॉन्ट्रिब्‍यूशन ज्‍यादा रखना होगा। कम एलटीवी रेशियो चुनने से प्रॉपर्टी में खरीदार का कॉन्ट्रिब्‍यूशन बढ़ जाता है। इससे बैंक का जोखिम कम होता है। वहीं, कम EMI से लोन की अफोर्डेबलिटी बढ़ती है। इससे आपको लोन मिलने की चांस बढ़ जाएंगे। आमतौर पर बैंक प्रॉपर्टी की कीमत का 75-90% तक का लोन देता है। ऐसे में शेष राशि को लोन लेने वाले को डाउनपेमेंट या मार्जिन कांट्रिब्यूशन के रूप में चुकानी होती है। इसके बिना आपको लोन नहीं मिलेगा।

फिक्स ऑब्लिगेशन टू इनकम रेश्यो का रखें ध्यान
जब हम बैंक में लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो बैंक फिक्स ऑब्लिगेशन टू इनकम रेश्यो (FOIR) भी देखता है। इससे पता चलता है कि आप हर महीने लोन की कितने रुपए तक की किस्त दे सकते हैं। FOIR से पता चलता है कि आपकी पहले से जा रही ईएमआई, घर का कि‍राया, बीमा पॉलि‍सी और अन्‍य भुगतान मौजूदा आय का कि‍तना फीसदी है। अगर लोन दाता को आपके ये सभी खर्च आपकी सैलरी के 50% तक लगते हैं तो वह आपकी लोन एप्‍लि‍केशन को रि‍जेक्‍ट कर सकते है। इसीलिए यह ध्यान भी रखें की लोन की रकम इससे ज्यादा न हो।

ऑफर्स का रखें ध्यान
बैंक समय- समय पर लोन लेने वालों को बेहतर ऑफर्स उपलब्ध कराते रहते हैं। ऐसे में आप लोन लेने से पहले सभी बैंकों के ऑफर्स के बारे में पता कर लें। क्योंकि जल्दबाजी में लोन लेना आपके लिए गलत साबित हो सकता है। लोन लेने से पहले सही से छानबीन कर लें।

प्री-पेमेंट पेनल्टी की जानकारी जरूर लें
कई बैंक समय से पहले लोन अदा करने पर पेनल्टी लगाते हैं। ऐसे में बैंकों से इस बारे में पूरी डिटेल ले लें, क्योंकि समय से पहले लोन अदा करने पर बैंकों को उम्मीद के मुताबिक कम ब्याज मिलता है। ऐसे में उनकी ओर से कुछ टर्म एडं कंडीशन लगाए जाते हैं। इसलिए होम लोन लेते वक्त इस बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लें।

अपने सिबिल स्कोर का ध्यान रखें
सिबिल स्कोर से व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री का पता चलता है। पर्सनल लोन के मामले में बैंक आवेदक का सिविल स्कोर जरूर देखते हैं। क्रेडिट स्कोर कई खास क्रेडिट प्रोफाइलिंग कंपनियों की तरफ से तय किया जाता है। इसमें यह देखा जाता है कि आपने पहले लोन लिया है या क्रेडिट कार्ड आदि का इस्‍तेमाल किस प्रकार किया है। किसी भी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर रीपेमेंट हिस्ट्री, क्रेडिट इस्तेमाल का अनुपात, मौजूदा लोन और बिलों के समय पर पेमेंट से पता चलता है।यह स्कोर 300-900 की रेंज में होता है, लेकिन 700 या उससे ज्यादा के स्कोर को कर्जदाता अच्छा मानते हैं।

संबंधित बैंक से लें लोन
अगर आप लोन लेने का सोच रहे हैं तो उसी बैंक से लोन लें जहां आपका अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉजिट या क्रेडिट कार्ड सेवा आप वहां से ले रहे हों। क्योंकि बैंक अपने रेगुलर कस्टमर्स को आसानी से और उचित ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराते हैं।

इमरजेंसी फंड में लोन EMI के लिए भी जुटाएं पैसा
परेशानियां कभी भी आ सकती हैं। इससे निपटने के लिए आपके पास इमरजेंसी फंड का होना बहुत जरूरी है ये इमरजेंसी फंड कम से कम 6 महीने के खर्चों के बराबर होना चाहिए। इस फंड में आपको लोन की EMI के लिए भी पैसा रखना चाहिए ताकि परेशानी आने पर भी आप लोन की किस्तें समय पर भर सकें। समय पर किस्तें न भरने से पेनल्टी तो लगती ही है साथ ही आपका सिबिल स्कोर भी खराब होता।

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