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हैकर्स का नया पैंतरा: अब गूगल सर्चिंग की मदद से आपके डिवाइस तक पहुंच रहे, हैक की गई वेबसाइट दिखाकर डेटा चोरी कर रहे

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नई दिल्लीएक घंटा पहले

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साइबर सिक्योरी रिसर्चर्स ने एक नए मैलवेयर (वायरस) का पता लगाया है। ये गूगल पर यूजर्स की सर्चिंग एक्टिविटी को ट्रैक करता है। उन्हें हैक्ड की गई वेबसाइट को ट्रस्टेड सोर्स के तौर पर दिखाता है। ऐसे में यूजर्स इन पर भरोसा कर लेते हैं। खास बात है कि सर्चिंग रिजल्ट इतने बेहतर होते हैं कि यूजर्स धोखा खा जाते हैं।

डब सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल हो रहा
यूके की ग्लोबल सिक्योरिटी फर्म सोफोस की इंटेलिजेंस यूनिट नैकेड सिक्योरिटी के मुताबिक, हैकर्स गूटलोडर (Gootloader) के रूप में डब किए गए मैलवेयर का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसे यूजर के डिवाइस में इसे इन्स्टॉल कराते हैं और उसमें रैनसमवेयर डाल देते हैं। बाद में इस डिवाइस को नुकसान पहुंचाते हैं या डेटा चोरी कर लेते हैं।

गूटकिट (Gootkit) मैलवेयर फैमिली को आधा दशक से भी ज्यादा हो गया है। ये ऐसा ट्रोजन है जिसकी मदद से बैंकिंग डिटेल अहम जारनकारियां चुराई जाती हैं। हालांकि, बीते कुछ सालों में इसकी डिलीवरी में कमी आई है।

इस तरह आपके डिवाइस तक पहुंच रहे हकर्स

  • हैकर्स सैंकड़ों वेब सर्वरों में घुसकर सर्च किए जाने वाले कंटेंट के वाक्यों को जोड़ते हैं। फिर उस कंटेंट को अपनी हैक्ड की गई वेबसाइट के साथ मिलाते हैं। इसस यूजर को इसके पसंदीदा रिजल्ट दिखने लगते हैं। हैकर्स ज्यादातर रियल एस्टेट, रोजगार, कानून, इम्पोर्ट/एक्सपोर्ट रेगुलेशन, कंपनी पार्टरशिप जैसे कंटेंट को सर्चिंग में लाते हैं।
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि कई बार हैकर्स भाग्यशाली हो जाते हैं। उनके द्वारा हैक्स वेबसाइट सर्चिंग में टॉप पर आ जाती है। ऐसे में यूजर आसानी से उस वेबसाइट पर क्लिक कर देता है। क्योंकि ये यूजर के लिए नेचुरल रिजल्ट होता है ऐसे में वो आसानी से धोखा खा जाता है।
  • जब यूजर इन वेबसाइट पर जाते हैं तब हैकर्स उसे एक पेज की लिंक भेजता है और जैसे ही वो उस पर जाते हैं डेटा चोरी होने का खतरा बन जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक, हैकर्स अपने पेज को ज्यादा इफेक्टिव बनाने के लिए कई सवाल जवाब का भी इस्तेमाल करता है।

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