Uncategorized

फ्यूल की ऊंची कीमतों का असर: अप्रैल में Petrol-Diesel की बिक्री करीब-करीब फ्लैट रही, सिलेंडर के दाम 50 रुपए बढ़ने से खपत 9.1% घटी

फ्यूल की ऊंची कीमतों का असर: अप्रैल में पेट्रोल-डीजल की बिक्री करीब-करीब फ्लैट रही, सिलेंडर के दाम 50 रुपए बढ़ने से खपत 9.1% घटी

d

[ad_1]

  • Hindi News
  • Business
  • Petrol diesel Sales Were Almost Flat In April, Consumption Decreased By 9.1% Due To Increase In Cylinder Price By Rs 50

नई दिल्ली14 घंटे पहले

  •  
  •  
  • कॉपी लिंक
फ्यूल की ऊंची कीमतों का असर: अप्रैल में पेट्रोल-डीजल की बिक्री करीब-करीब फ्लैट रही, सिलेंडर के दाम 50 रुपए बढ़ने से खपत 9.1% घटी

देश में अप्रैल के महीने में रसोई गैस की खपत रिकॉर्ड कीमतों के कारण गिर गई जबकि पेट्रोल-डीजल की सेल्स में ज्यादा अंतर नहीं आया। अप्रैल में पेट्रोल (Petrol) की बिक्री पिछले महीने यानी मार्च की तुलना में 2.1% ही बढ़ी। डीजल (Diesel) की डिमांड में करीब-करीब फ्लैट रही। रसोई गैस की खपत में महामारी के दौरान लगातार बढ़ोतरी दिखी थी, लेकिन अप्रैल महीने में खपत मार्च की तुलना में 9.1% गिर गई। प्रिलिमनरी इंडस्ट्री डेटा में ये जानकारी सामने आई है।

तेल कंपनियों ने कच्चे तेल की लगातार बढ़ती कीमतों को देखते हुए 137 दिन बाद मार्च में दाम बढ़ोतरी की थी। 22 मार्च से 6 अप्रैल के बीच पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 10 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई थी। फ्यूल प्राइस को डिरेगुलेट करने के बाद 16 दिनों के दौरान हुई यह सबसे बड़ी बढ़ोतरी थी। वहीं 22 मार्च को रसोई गैस की कीमत 50 रुपए प्रति सिलेंडर बढ़ाकर 949.50 रुपए कर दी गईं थी।

अप्रैल में 2.58 मिलियन टन पेट्रोल बिका
90% बाजार को कंट्रोल करने वाले सरकारी फ्यूल रिटेलर्स ने अप्रैल में 2.58 मिलियन टन पेट्रोल बेचा। पिछले साल की समान अवधि की तुलना में ये 20.4% ज्यादा था और 2019 की तुलना में 15.5% ज्यादा। हालांकि, मार्च 2022 के मुकाबले खपत महज 2.1% ही ज्यादा रही। डीजल की बिक्री सालाना आधार पर 13.3% बढ़कर 6.69 मिलियन टन हो गई। अप्रैल 2019 की तुलना में ये 2.1% ज्यादा है और मार्च 2022 से केवल 0.3% ज्यादा।

दाम बढ़ने से LPG की बिक्री में कमी
सरकार ने 2020 में लॉकडाउन के दौरान गरीबों की मदद करने के लिए मुफ्त LPG सिलेंडर दिए थे। इससे तेल कंपनियों को महीने दर महीने ग्रोथ दर्ज करने में मदद मिली। लेकिन अप्रैल 2022 में LPG की खपत महीने-दर-महीने 9.1% गिरकर 2.2 मिलियन टन रह गई। हालांकि, यह अप्रैल 2021 की तुलना में 5.1% ज्यादा है। 22 मार्च को कीमतों में 50 रुपए प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी के बाद रसोई गैस की बिक्री में कमी आई है।

दाम बढ़ोतरी से पहले मार्च में खूब बिका था फ्यूल
मार्च के पहले हाफ में पेट्रोल और डीजल की बिक्री 18% और 23.7% बढ़ी थी। इसका कारण दाम बढ़ोतरी की संभावना थी। कई लोगों ने दाम बढ़ने की संभावना को देखते हुए ही मार्च में ज्यादा फ्यूल खरीदा था। मार्च के दौरान डीजल की बिक्री पिछले दो सालों में किसी भी महीने में सबसे ज्यादा थी।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link