Uncategorized

पैन इंडिया ट्रेंड: बाहुबली नहीं 1959 की कन्नड़ फिल्म महिषासुर मर्दिनी थी पहली पैन इंडिया फिल्म, अपकमिंग 5 पैन इंडिया फिल्मों का बजट 1505 करोड़

[ad_1]

  • Hindi News
  • Entertainment
  • Bollywood
  • Pan India Trend: Not Bahubali 1959 Kannada Film Mahishasur Mardini Was The First Pan India Film, Budget Of Upcoming 5 Pan India Films 1505 Crores

29 मिनट पहले

इन दिनों सिनेमाघरों में बॉक्स ऑफिस के कई बड़े रिकॉर्ड तोड़ रही फिल्म KGF-2 एक पैन इंडिया फिल्म है। बाहुबली, राधे-श्याम, RRR जैसी कई साउथ की फिल्मों को कई भाषाओं में रिलीज किया गया है, जिन्हें बॉलीवुड फिल्मों से भी ज्यादा पसंद किया गया है। नतीजा ये है कि अब भारत में पैन इंडिया फिल्मों का ट्रेंड बढ़ चुका है।

लेकिन, बाहुबली या RRR पहली पैन इंडिया मूवी नहीं हैं। भारत में 50 के दशक से ही पैन इंडिया फिल्मों का चलन रहा है। 1959 में आई कन्नड़ फिल्म महिषासुर मर्दिनी पहली पैन इंडिया फिल्म है, जिसे 7 भाषाओं में डब करके रिलीज किया गया था।

क्या है पैन इंडिया फिल्में?

पैन इंडिया का मतलब है किसी रीजनल भाषा वाली फिल्म को कम से कम 5 भाषाओं डब करके रिलीज किया जाता है। इस समय फिल्म इंडस्ट्री में ज्यादातर फिल्मों और वेब सीरीज को हिंदी के साथ तमिल, तेलुगू, हिंदी, कन्नड़, मलयालम भाषाओं में डब करके रिलीज किया जा रहा है। पिछले कुछ सालों तक साउथ की फिल्में सिर्फ मुख्य भाषाओं में रिलीज होती थीं। हिंदी बेल्ट के लिए पहले इन फिल्मों को रीमेक किया जाता था, लेकिन अब इन्हें सीधे कई भाषाओं में डब करके देशभर में एक साथ रिलीज किया जाता है। बाहुबली, RRR और KGF-2 इसके ताजा उदाहरण हैं।

पहली पैन इंडिया फिल्म- महिषासुर मर्दिनी (1959)

साल 1959 में रिलीज हुई कन्नड़ फिल्म महिषासुर मर्दिनी भारत की पहली पैन इंडिया फिल्म थी। इसे 7 भाषाओं में देशभर में रिलीज किया गया था। तेलुगु में फिल्म का टाइटल महिषासुर मर्दिनी था, जबकि हिंदी में इसे एक साल बाद दुर्गा माता टाइटल के साथ रिलीज किया गया था।

पहली पैन इंडिया हिंदी फिल्म- मुगल-ए-आजम (1960)

साल 1960 में रिलीज हुई मुगल-ए-आजम को हिंदी के अलावा तमिल और तेलुगु भाषाओं में रिलीज किया गया था। ये पहली हिंदी फिल्म थी जिसे दो से ज्यादा भाषाओं में देशभर में रिलीज किया गया था। फिल्म को हिंदी, उर्दू, तमिल और अंग्रेजी भाषाओं में रिलीज किया गया था, इसके लिए डबिंग का सहारा न लेते हुए हर सीन को तीन बार शूट किया गया था।

2010 से शुरू हुआ डबिंग फिल्मों का ट्रेंड

साल 2010 तक तमिल और तेलुगु भाषाओं की फिल्मों को हिंदी में डब कर टेलीकास्ट किया जाने लगा। नतीजा ये हुआ कि देशभर तक साउथ की फिल्में पहुंचने लगीं। जब टेलीविजन पर इन फिल्मों को पसंद किया जाने लगा तो साउथ की ज्यादातर फिल्मों को रिलीज के एक-दो हफ्ते बाद हिंदी में रिलीज किया जाने लगा।

हिंदी फिल्मों को पैन इंडिया नहीं मिली पॉपुलैरिटी

साउथ की तरह हिंदी फिल्मों को भी तमिल और तेलुगु भाषाओं में रिलीज किया जा रहा था, लेकिन साउथ बेल्ट में हिंदी फिल्मों को कामयाबी नहीं मिल सकी। आमिर खान की दंगल और सुशांत सिंह राजपूत की एमएस धोनी के अलावा साउथ में रिलीज हुईं लगभग सभी फिल्में फ्लॉप रहीं।

इसी समय कन्नड़ और मलयालम भाषाओं की फिल्मों को भी डब करके रिलीज किया जाने लगा। इनका डब वर्जन टीवी पर भी टेलीकास्ट किया जाने लगा।

बाहुबली ने शुरू किया पैन इंडिया फिल्मों का ट्रेंड

साल 2015 में रिलीज हुई तेलुगु फिल्म बाहुबलीः द बिगनिंग से पैन इंडिया ट्रेंड शुरू हुआ। इस फिल्म के हिंदी राइट्स धर्मा प्रोडक्शन ने खरीदे थे। एसएस राजामौली के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने 650 करोड़ का वर्ल्डवाइड कलेक्शन किया था। इस फिल्म को दुनियाभार की 4 हजार स्क्रीन्स पर रिलीज किया गया। तेलुगु भाषा में फिल्म को 1600, तमिल में 350 और मलयालम में 225 और हिंदी में फिल्म को 1500 स्क्रीन्स पर रिलीज किया गया था।

बाहुबली की पॉपुलैरिटी और रिकॉर्डतोड़ कमाई के बाद से ही भारतीय फिल्मों को बड़े पैमाने पर पैन इंडिया में रिलीज किया जाने लगा।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link