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पेरेंट्स के लिए जरूरी खबर: डिप्थीरिया के बैक्टीरिया पर बेअसर हो रही एंटीबायोटिक्स, संक्रमित मरीज से अपने बच्चे को दूर रखें; वैक्सीनेशन जरूर कराएं

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एक घंटा पहले

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डिप्थीरिया के बैक्टीरिया पर कई एंटीबायोटिक्स बेअसर साबित हो रही हैं। इसके बैक्टीरिया में इन दवाओं के प्रति रेसिस्टेंस पावर बढ़ती जा रही है। डिप्थीरिया के मामले बढ़ने पर इसका कारण जानने के लिए भारतीय और ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने मिलकर रिसर्च की।

रिसर्च के नतीजे बताते हैं, कोरोना के कारण हालत और खराब हुई है। कोरोना के कारण डिप्थीरिया की वैक्सीन लगवाने वालों में भी कमी आई है। नतीजा, दुनियाभर में इसके मामले तेजी से बढ़ने का खतरा बन रहा है।

शोधकर्ताओं का कहना है, 2005 से 2017 के बीच डिप्थीरिया के मामले कुल 8,105 थे। वहीं, 2018 में इसके मामले बढ़कर 16,651 पहुंच गए थे। इसके अलावा महामारी के कारण 2020 में भी इसके मामले बढ़े हैं।

रिसर्च के लिए वैज्ञानिकों ने डिप्थीरिया के बैक्टीरिया के 61 जीनोम का अध्ययन किया गया। शोधकर्ता प्रो. गोर्डन डोगन कहते हैं, डिप्थीरिया की वैक्सीन बैक्टीरिया के जहर को बेअसर करने के लिए तैयार की गई थी। लेकिन, बैक्टीरिया के जहर में जेनेटिक बदलाव होने पर बड़ा सवाल है कि वैक्सीन कितनी असरदार साबित होगी। इसलिए साफ-सफाई और संक्रमित इंसान से दूरी बनाएं।

बैक्टीरिया में रेसिस्टेंस से हर साल दुनिया में सात लाख मौतें

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बैक्टीरिया में रेसिस्टेंस बढ़ने से दुनियाभर में हर साल 7 लाख लोगों की मौत होती है। एंटीबायोटिक दवाओं के गलत इस्तेमाल के कारण वैज्ञानिक और डॉक्टर इसलिए चिंतित हैं क्योंकि पिछले तीन दशकों से नई एंटीबायोटिक दवाएं खोजी नहीं जा सकी हैं।

धीरे-धीरे बैक्टीरिया पर दवाओं का असर कम हो रहा है। अगर यही हाल रहा तो छोटी-छोटी बीमारियां भी आने वाले समय में इंसानों के लिए जानलेवा साबित होंगी।

8 पॉइंट: क्या है डिप्थीरिया और कैसे फैलता है

  • कारण: यह कोरेन बैक्टीरियम डिप्थीरिया नाम के बैक्टीरिया से होने वाला संक्रमण है।
  • असर: संक्रमण में गला और सांस की नली वाले हिस्से पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है।
  • गंभीरता: इसके कुछ मामलों में टॉन्सिल पर असर पड़ता है और स्किन पर चकत्ते हो सकते हैं।
  • उम्र: इसके मामले खासतौर पर 1 से 5 साल की उम्र वाले बच्चों में दिखते हैं।
  • संक्रमण: डिप्थीरिया का बैक्टीरिया संक्रमित इंसान के खांसने या छींकने से फैलता है। इनके सम्पर्क में आने पर संक्रमण होता है।
  • लक्षण: डिप्थीरिया का संक्रमण होने पर सांस लेने में कठिनाई होती है। गर्दन में सूजन और दर्द रहता है।
  • मौत का खतरा: डिप्थीरिया के 5 से 10 फीसदी मामले गंभीर हो सकते हैं। ऐसे मामलों में मौत का खतरा रहता है।
  • असर कब दिखता है: डिप्थीरिया के लक्षण संक्रमण फैलने के दो से पांच दिनों में दिखाई देते हैं।

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