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ड्रैगन पर भरोसा: भारत के डेट बाजार से FII ने एक लाख करोड़ निकाले, लेकिन चीन में किया 8.6 लाख करोड़ का निवेश

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मुंबई12 मिनट पहलेलेखक: अजीत सिंह

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  • FII ने भारत से तो पैसे निकाले, लेकिन चीन के डेट मार्केट में उन्होंने 8.68 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है
  • चीन की मुद्रा युआन डॉलर की तुलना में लगातार मजबूत हो रही है और भारत की मुद्रा रुपया लगातार गिर रही है

विदेशी निवेशकों (FII) ने इस साल भारत के शेयर बाजार पर भले ही भरोसा दिखाया हो, यहां के डेट मार्केट से वे दूर भाग रहे हैं। शेयरों में तो उन्होंने रिकॉर्ड 1.64 लाख करोड़ रुपये लगाए हैं, लेकिन डेट मार्केट से उन्होंने 1.04 लाख करोड़ रुपए निकाल लिए हैं। डेट मार्केट में कंपनियों के बांड, सरकार की तरफ से जारी होने वाले बांड, नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर आदि शामिल होते हैं।

रोचक बात यह है कि FII ने भारत से तो पैसे निकाले, लेकिन चीन के डेट मार्केट में उन्होंने 8.68 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसा इसलिए क्योंकि चीन की मुद्रा युआन डॉलर की तुलना में लगातार मजबूत हो रही है।

इन्वेस्टर्स को मजबूत युआन से मिल रहा फायदा

हालांकि FII को भारत की तुलना में चीन के डेट बाजार में कम ब्याज मिल रहा है। भारत में सरकार और कंपनियों की तरफ से जारी डेट पेपर्स पर 6-7 पर्सेंट का ब्याज मिल रहा है, जबकि चीन के डेट पेपर्स पर 5 पर्सेंट के करीब ब्याज है। लेकिन युआन के लगातार मजबूत होने के कारण FII को वहां निवेश पर फायदा हो रहा है।

इस साल युआन 3% मजबूत, लेकिन रुपया 3% कमजोर

इस साल चीन की मुद्रा युआन डॉलर की तुलना में करीब 3 पर्सेंट मजबूत हुई है। एक डॉलर की तुलना में चीन का युआन 6.55 के करीब है, जबकि भारत का रुपया डॉलर की तुलना में इस साल करीब 3 पर्सेंट टूट गया है। इस समय डॉलर की तुलना में रुपया 73 से ऊपर है। विदेशी निवेशकों को चीन के डेट पेपर्स में 5 पर्सेंट का ब्याज तो मिल ही रहा है, चीन की मुद्रा की मजबूती से उन्हें और 3 पर्सेंट का फायदा भी मिल रहा है। यानी उन्हें कुल 8 पर्सेंट का फायदा मिल रहा है।

डॉलर की तुलना में भारतीय रुपया जनवरी में 71.28 पर था। अप्रैल में यह 76.92 पर चला गया था, हालांकि अब 73.30 पर है।

चीन में निवेश की सीमा नहीं, इसका भी फायदा

टाटा म्यूचुअल फंड के फिक्स्ड इनकम के प्रमुख मूर्ति नागराजन कहते हैं कि इस साल चीन की मुद्रा लगातार मजबूत रही है। यही कारण है कि विदेशी निवेशकों को चीन के डेट बाजार में अच्छा रिटर्न मिल रहा है। वे कहते हैं कि अगर किसी देश की करेंसी स्थिर रहे तो FII को यह निवेश के लिए आकर्षित करता है। कोटक महिंद्रा म्यूचुअल फंड की फिक्स्ड इनकम की प्रमुख लक्ष्मी अय्यर कहती हैं कि भारतीय डेट बाजार से भले FII निकासी कर रहे हैं, पर इक्विटी में लगातार निवेश बना हुआ है। ऐसा नहीं है कि केवल चीन में पैसा जा रहा है, हर उभरते हुए बाजार में FII का पैसा जा रहा है।

चीन के डेट बाजार में इसलिए वे ज्यादा जाते हैं क्योंकि वहां बांड बाजार में निवेश की कोई सीमा नहीं है। भारत में इसमें सीमा है।

अमेरिका में 1%, जापान में 0% ब्याज दर

अय्यर के अनुसार हमारे यहां गिल्ट फंड में 14 पर्सेंट का रिटर्न है जो कहीं नहीं मिलता है। गिल्ट फंड म्यूचुअल फंड का एक प्रोडक्ट है जो सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करता है। चीन इस समय बांड बाजार में सुधार कर रहा है। इसलिए उसमें FII ज्यादा एक्सपोजर लेते हैं। उनका मानना है कि अगर भारत में भी सुधार किए जाएं तो यहां भी डेट में पैसा आएगा। इस समय अमेरिका में डेट पेपर्स पर एक पर्सेंट ब्याज दर है, जापान में तो यह जीरो पर्सेंट है।

पिछले साल FII ने 25,882 करोड़ का निवेश किया था

आंकड़े बताते हैं कि 2019 में भारतीय डेट बाजार में FII ने 25 हजार 882 करोड़ रुपए का निवेश किया था। इस साल अब तक उन्होंने 1.04 लाख करोड़ निकाले हैं। 2018 में भी उन्होंने 47 हजार 795 करोड़ रुपए डेट बाजार से निकाले थे।

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